सरकार का सबसे बड़ा डिजिटल एक्शन: 1.75 करोड़ फर्जी सिम कार्ड और 22 लाख से ज्यादा WhatsApp अकाउंट एकसाथ किए गए ब्लॉक

फर्जी डॉक्युमेंट्स और साइबर फ्रॉड के खिलाफ सरकार का बड़ा एक्शन, 1.75 करोड़ से ज्यादा सिम कार्ड और 22 लाख WhatsApp अकाउंट किए गए ब्लॉक, जानें कैसे और किस पर गिरी गाज।

देशभर में साइबर फ्रॉड और मोबाइल धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा एक्शन लिया है। दूरसंचार विभाग (DoT) की कार्रवाई से 1.75 करोड़ से ज्यादा सिम कार्ड बंद किए गए हैं। इसके साथ ही 22 लाख WhatsApp अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया गया है। आइए जानते हैं कैसे हुआ ये सब और कौन लोग आए रडार पर।

फर्जी दस्तावेज़ों से लिए गए 78 लाख सिम कार्ड बंद

सरकार ने साफ किया है कि 78 लाख से ज्यादा ऐसे मोबाइल सिम कार्ड बंद किए गए हैं जो फर्जी डॉक्युमेंट्स के आधार पर लिए गए थे। इन नंबरों का पता लगाने के लिए ‘अस्त्र टूल’ नामक एक खास तकनीक का इस्तेमाल हुआ, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेस रिकॉग्निशन जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी शामिल है।

इस टूल को सबसे पहले हरियाणा के मेवात जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। वहाँ 16.69 लाख में से करीब 5 लाख सिम कार्ड फर्जी पाए गए थे। इसके बाद इस तकनीक को पूरे देश में लागू किया गया।

97.5 लाख सिम कार्ड बिना जानकारी के जारी किए गए थे

दूरसंचार विभाग ने ‘संचार साथी’ पोर्टल की मदद से ऐसे 97.5 लाख सिम कार्ड बंद किए हैं, जो लोगों की जानकारी के बिना उनकी ID पर जारी कर दिए गए थे।

लोगों ने संचार साथी पोर्टल पर शिकायत दी थी कि कुछ मोबाइल नंबर उनके नाम पर चल रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी वो सिम कार्ड लिए ही नहीं। जांच के बाद सभी संदिग्ध नंबरों को डिएक्टिवेट कर दिया गया।

WhatsApp पर भी बड़ी कार्रवाई, 22 लाख अकाउंट ब्लॉक

सिर्फ सिम कार्ड ही नहीं, सरकार ने WhatsApp जैसे ऐप्स पर भी शिकंजा कसना शुरू किया है। पहली बार 22 लाख WhatsApp अकाउंट्स को साइबर ठगी में इस्तेमाल होने के शक में ब्लॉक किया गया है

ये अकाउंट्स लोगों को वीडियो कॉल, मिस्ड कॉल या फ्रॉड लिंक के जरिए ठगने की कोशिश कर रहे थे। साइबर सुरक्षा के लिहाज से ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगने की उम्मीद है।

अपराधियों को लगा बड़ा झटका, आम जनता को राहत

सरकार की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो फर्जी डॉक्युमेंट्स और सिम कार्ड्स के जरिए साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे थे।

अब लोग संचार साथी पोर्टल की मदद से आसानी से पता कर सकते हैं कि उनके नाम पर कोई और सिम चल रहा है या नहीं। इससे न केवल डिजिटल फ्रॉड कम होंगे, बल्कि आम नागरिकों की पहचान की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

सतर्क रहिए, सुरक्षित रहिए

सरकार का यह कदम न सिर्फ टेक्नोलॉजी का शानदार उपयोग है, बल्कि साइबर अपराध के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है। अगर आपने अब तक संचार साथी पोर्टल का इस्तेमाल नहीं किया है, तो एक बार जरूर चेक करें कि आपके नाम पर कहीं कोई अनजान नंबर तो नहीं चल रहा।

याद रखिए, सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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